बच्चेदानी में सूजन और इलाज
गर्भाशय की सूजन को एंडोट्रीटिस भी कहा जाता है। यह सूजन आपके गर्भाशय की अंदरूनी परतो को संक्रमित होने से होता है। या बीमारी आम तौर पर जब महिला अपने बच्चे को जन्म देती है उसके कारन जो संक्रमण गर्भाशय में होता है और उसका सही से इलाज न होने के कारन यह बीमारी महिलाओं में हो जाती है। पर इसका या मतलब यह नासमझी की जो महिला गर्भवती नहीं होती उनको ये बीमारी नहीं होती है। जो महिलाए बच्चो को जन्म नहीं देती उनको भी ये बीमारी हो सकती है जिसके कई कारन हो सकते है।
बहुत सी महिलाओ को ये भ्रम हो जाता है की एंडोमेट्रिटिस और एंडोमेटिओसिस दोनों अलग अलग गर्भाशय की बीमारी है। पर वास्तव में ये दोनों एक ही बीमारी के अलग-अलग नाम है और दोनों ही गर्भाशय की परतो को संकर्मित करने का काम करती है। गर्भाशय की सूजन या संक्रमण की एक तीसरी पहलु भी है जिसें डोमायोमेट्रिएटिस कहा जाती है, इस संक्रमण के बाद गर्भाशय की भीतरी परत में सूजन होती है जिसे मायोमीट्रियम कहा जाता है। इस बीमारी का इलाज ज्यादा आसान होतो है गर्भाशय के अन्य संक्रमण के मुकाबले अतः आप को इन बातो का पूर्ण रूप से जानकारी होनी ही चाहिए ताकि आप अपने सरीर रूपी नौका की अच्छी तरह से सञ्चालन कर सके।
हम आप को इस पोस्ट के माध्यम से गर्भाशय में होने वाले इन संक्रमणों के बारे में विस्तार से बताने जा रहे है तथा इसके क्या उपाय है ठीक करने के ये और कैसे खुद को इन परेशानियों से सुरक्षित रखे ये सब बताने वाले है तो आप इस लेख को पूरा पढ़े और अपने समस्याओ का स्वम ही निदान करे अपने घर से क्योकि ये आप की सरीर है और आप को ही इसका समाधान करना होगा आप चाहे तो इन सभी समस्याओ को दूर करने के लिए पेल्विक फ्लोर कसरत कर सकते है ो इन तरह की सभी समस्याओ को समूल जड़ से नस्ट करने में पूरी तरह से कारगर है।
पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज आप के सूजन जलन, लीकेज, अनियमितता, दाग,धब्बे तथा अन्य सभी तरह के बीमारी जो आम तौर पर महिलाओ को गर्भा- अवस्था या उसके बाद आती है इन सभी समस्याओ का एक मात्र इलाज है जिसमे आपको सिर्फ पांच मिनिट का कसरत करना है और फिर ये सभी बीमारी अपने आप ही ठीक हो जाती है और दुनिया भर की महिलाये महंगे इलाज, और सर्जरी के बजाय इन बैकल्पिक उपायों को अपना रही है ताकि सरीर सुरक्षित रहिए और ओप्रशन के बिना ही ये सब ठीक हो सके। खरीदने के लिए यहाँ दबाये।
गर्भाशय सामान्य परिचय
गर्भाशय नारी शरीर का एक अति महत्वपूर्ण अंग है इसे स्त्री जननांग भी कहते है। इसकी लम्बाई जो मानक है वो ७ .५ सेंटीमीटर लम्बी और ५ सेंटीमीटर चौरी होती है और इसकी दिवार २.५ cm तक मोटि हो सकती है इसका वजन तक़रीबन ३५ ग्राम तक होता है और या देखने में नासपाती फल की तरह हो सकता है|
इसका ऊपर का चौरा भाग फंड्स तथा निचला पतला भाग इस्त्मास कहलाता है । महिलाओ में ये भाग मूत्र की थैली और मलाशय के मध् भाग में स्थिर होता है। आप का गर्भाशय या तो अंदर की तरफ या फिर बहार की तरफ झुका होता सकता है। जब ये आगे की तरफ होते है तो उसे एन्टीवर्टेड और जब ये पीछे की तरफ होता है तो इसे रेट्रोवर्टेड कहते है।
गर्भस्य की ऊपरी चौरी भाग बड़ी और निचला भाग एस्थमाह कहलाता है इस्थमस निचे योनि में जा कर खुलता है जिसे औष कहते है। यह १.५ से २.५ cm बारे और ढोस मानसपेशियो से बना होता है । गर्भाशय का आकर बढ़ कर यह स्त्री की पसलियों तक पहुंच जाता है तथा इसके साथ गर्भाशय की दीवारे पतली हो जाती है।
गर्भाशय की मांशपेशियां-
महिलाओ के गर्भाशय की मांशपेशियों को कुदरत ने अपनी अद्भुत शक्तियो से नवाजा हुआ है। ये मांशपश्रिया दो प्रकार की है एक तो लम्बी मंश्पेशिया और दूसरी curved घुमावदार रेशेदार पेशिया बच्चे के जन्म के समय इन लम्बी मांशपेशियों का बहुत योगदान होता है वही रेशेदार पेशिया जन्म का बाद गर्भाशय के संकुचन और रक्त के श्राव को रोकने के लिए अपनी योगदान करती है।
एंडोमेट्रिएटिस क्या है?
एंडोमेट्रिटिस लैटिन नाम है उस बीमारी का जिसे आप तौर पर हम गर्भाशय की सूजन के नाम से जानते है। जयादातर महिलाओ में ये बीमारी गर्भाशय के समय संक्रमण के कारन उत्पन्न होता है पर बाद में सही इलाज जो की पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज है न मिलने की बजस से बाद में गंभीर बीमारी का रूप ले लेता है आओर महिला की जीवन एक प्रकार से नर्क बना देता है। पर आप इसका इलाज कर सकते ही अपने घर से वो भी पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज के द्वारा बिना किसी चिर-फाड़ के वो भी कुछ हप्तो के अंदर। वैसे तो यह बीमारी उतनी घातक नहीं होती पर सही इलाज न मिलने से ये भयानक रूप ले लेती है पर आप के डॉक्टर आप को एंटीबायोटिक की गोलिया दे कर ये कह देते है की ये ठीक हो जायेगा और आप भी ये सोच के खुस हो जाती है की चलो इन दवाइयों से ये ठीक हो जायेगा पर दिक्कत तब होती है जब ये फिर बाद में किसी संक्रमण के कारन फिर से जीवित हो जाता है अतः ये अस्थायी इलाज है और आप को इसका सम्पूर्ण इलाज कारन चाहिए वो भी बिना चिर-फाड़ या ऑपरेशन के और वो आप सिर्फ पेल्विक फ्लोर के द्वारा ही कर सकती है।
गर्भाशय की सूजन समय के साथ-साथ काफी गंभीर रूप लेने लगता है और तब यह आप की गर्भवती होने छमता पर भी असर करने लगता है इस बच्चेदानी की सूजन के कारन कई बार तो महिलाये बाँझ भी जाती है ये संक्रमण आप के गर्भाशय की दीवारों को इतना डैमेज कर देती है की आप की गर्भाशय से सो अंडे प्रवाहित होते है उनको ब्लॉक कर देती है और वीर्य के न मिलने के कारन आप गर्भवती नहीं हो पाती और नहीं माँ बन पति है जो की किसी भी शादी-शुदा महिला के लिए अत्यंत ही दुःख का कारन बनता है पर पेल्विक फ्लोर से इसका शर्तिया इलाज संभव है।
एक शोध में पता चला है की क्रोनिक एंडोमेट्रेटिस निम्न तरीको से आपके प्रजनन छमता को प्रभावित करता है।
फर्टाइल होने के लिए जो अंडे फैलोपियन तुबे में आगे बढ़ते है। उसे ये सूजन के द्वारा बानी गांठ रोक देता है और महिला गर्भवती नहीं हो पाती है।
यदि गर्भाधान हो जाये तो गर्भपात की समस्या का होना
ज्यादा मेडिसिन और कई समस्याओ को जन्म देती है जो समय के साथ आप के गर्भाशय की समस्याओ की बढ़ा देगी और फिर बड़े ऑपरेशन आदि आदि।
२०१८ में किये गए एक अन्य अध्ध्यन जिसमे तक़रीबन १०० महिलाओ को शामिल किया गया था। इन महिलाओ को गर्भाधान संभंधित परेशानिया थी और इस अध्ध्यन में पता चला की इन महिलाओ में पहले से एंडोमेट्रिएटिस की समस्या थी और उनमे से तक़रीबन ८० प्रतिसत महिलाये एंटीबायोटिक मेडिसिन का इस्तेमाल कर रही थी इनके कारन उनमे सुधार हुवा और बाद में इन महिलाओ ने सही इलाज को चुना और अब उनकी समस्या पूरी तरह से ठीक हो चुकी है और उनका गर्भाधान सफलता पूर्वक हो गया।
कई प्रजनन विशेषज्ञो की राय ये है की महिलाओ को एप गर्भाशय की समस्याओ को पता लगाने के लिए इसकी जाँच करनी चाहिए और इसका उचित इलाज करना चाहिए जो की पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज है। उनके अनुसार महिलाओ में इन समस्याओ के जितने भी कारन है उनमे से IVF के बार-बार असफल हो जाने के कारन होने वाले गर्भपात है
कई बार बच्चेदानी में हुई सूजन की जो साधारण इलाज है इसके कारन संक्रमण आप के अन्य कई अंगो तक फ़ैल जाता है और सामान्य समस्याओ को जटिल बना देते है अतः आप को इसका स्थायी इलाज करना चाहिए।
गर्भाशय में सूजन के कारन
यदि आप के गर्भाशय या बच्चेदानी में सूजन है तो आप का शरीर आप को कई तरह से बताने की कोसिस करता है जो निम्लिखित हो सकता है।
पेट की सूजन
योनि से असामान्य रक्तश्राव और अनियमित डिस्चार्ज
कब्ज की शिकायत तथा मूत्र बिसर्जन या स्टूल होने में परेशानी
बुखार हो जाना या ज्यादा हल्का ठण्ड लगाना
सरीर में सुस्ती छाना मन उदास और थकावट महसूस करना
पेल्विक muscles में दर्द का होना या पेट के निचले हिस्से में दर्द होते रहना
यदि आप भी इस तरह की समस्याओ को मसुश करती है और आप के पेल्विक muscles में अक्सर दर्द होता है आप को लीकेज की समस्या हो रही है, असामान्य श्राव होता रहता है तो आप को पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज को चुनना चाहिए ये आप की इन सभी समस्याओ का रामबाण इलाज है और आप की खुशाली को आप के जीवन में फिर से लौटा देगी। देखिए आप का सरीर हर तरह की परेशानियों को स्वम ठीक करने में सक्षम है पर आपको इस तरफ अपना पहल कदम बढ़ाना होगा तभी आप का सरीर आप के इसरो के अनुसार काम करेगा और आप को पूरी तरह से स्वस्थ महसूस कराएगा।
बच्चेदानी में सूजन आखिर होती क्यों है
बच्चेदानी में सूजन के कई कारन हो सकते है आम तौर पर गर्भाव्स्ताः को इसका कारन मन जाता है पर इसके अलावा अन्य कई कारन इन बीमारियों को बढ़ने में सहयोग करती है जो निम् है।
कई बार आप के द्वारा बनाया गया यौन सम्बन्ध भी इस संक्रमण को बढ़ावा देता है जैसे की किसी संक्रमित वयक्ति के साथ असुरक्षित सम्बन्ध बनाना। इनसे होने वाले बीमारी क्लैमिडिया और गोनोरिया , हिस्टीरिया आदि है।
कई बार ट्यूबर कोलोसिस (टीवी) भी इस बीमारी का कारन बनता है।
कई बार आप के यौन भागो में रहने वाले बैक्टीरिया इसके कारन बनती है
क्या आप जानते है की गर्भाशय की ग्रीवा जो की आप के गर्भाशय की मुख द्वार होता है और आम तौर पर बैक्टीरिया को गर्भाशय में जाने से रोकता है पर जब इसका मुख खुला होता है जैसे की अंडोत्सर्जन के समय या फिर किसी प्रकार केसर्जरी तब ये बेक्टेरिअ आसानी से अंदर प्रवेश कर जाते है और फिर आप को इस तरह की परेशानिया उत्पन्न हो जाती है।
वैसे तो बेक्टेरिआ आम तौर पर महिलाओ के योनि में होनी ही चाहिए पर जब इनकी संख्या जरूरत से ज्यादा हो जाती है तब ये आप के vagina के स्वास्थ्य के लिए समस्याएं कड़ी कर देती है अतः इसका रोक थाम करना बहुत जरुरी हो जाता है।
कई बार जयादा मीठे पदार्थो का अत्यधिक सेवन इन बेक्टीरिअ को बढ़ा देता है और फिर ये आप के योनि में खुजली जलन अनियमित श्राव आदि समस्याओ को जन्म देती है और फिर ये गर्भाशय की सूजन में बदल जाती है अतः अपने खान पान पर भी ध्यान देते रहे।
कई बार ये सूजन आप को प्रसव के बाद या गर्भपात के बाद उत्पन्न हो जाता है यदि आप ने किसी प्रकार के वैजिनल सर्जरी कराई हो।
इन समस्याओ की मुख कारणों में आप के द्वारा चुनी गयी सर्जरी को ही सबसे मुख्य मन जाता है और सबसे ज्यादा सर्जरी केकारण ही आप के बच्चेदानी में सूजन या संक्रमण होती है और बाद में अन्य नयी बीमारियों को जन्म दे देती है
कई प्रकार के मेडिकल उपकरण जो की आप के योनि के अंदर डाली जाती है वो इन समस्याओ को बढ़ने में अपने बहुत बड़ा सहयोग करती है और आप संक्रमित हो जाती है जिनमे कुछ निम्न है।
हिस्टेरोस्कोपी के दौरान ये संक्रमण हो सकती है।
गर्भाधान को रोकने के लिए किये गए उपाय भी इन संक्रमण को बढ़ावा देते है जैसे (IUD ) को डालते समय ये संक्रमण आप के गर्भाशय में प्रवेश हो सकता है
डाई-लेशन के कारन भी आप को ये समस्या हो सकती है
गर्भाशय में सूजन से बचाव के उपाय ? bachdani me sujan se bachav ke upay in
hindi
गर्भाशय में होने वाले सूजन की आशंका को काम करने के लिए डाक्टर सर्जरी के दौरान आधुनिक तकनीकों का सही तरीके से इस्तेमाल कर के संक्रमण को काम किया जा सकता है। शुरुआती दौर में डाक्टर डिलीवरी के समय एंटीबायोटिक का प्रयोग कर के इसे काम कर सकते है।
आप को अपने STI और अपने पार्टनर के STI सम्बंधित समस्याओ को जानना और उसका सही से निदान करना
आप कंडोम का प्रयोग कर के STI की समस्याओ को पूरी तरह से रोक सकती है।
इन सब उपायों के अलावा या साथ आप पेविक फ्लोर एक्सरसाइजेज का प्रयोग कर के इन सभी समस्याओ से पूरी तरह सुरक्षित कर सकते है।
आप को रेगुलर रूप से अपने डॉक्टर से सलाह मासुरा करते रहना चाहिए।
बच्चेदानी में सूजन की जाँच
Garbhasay me sujan ke janch in hindi ?
वैसे तो आप को खुद ही ये समाज आ जायेगा यदि आप को गर्भाशय में सूजन की समस्या है तो ऊपर बताई गयी लक्षणों के आधार पर आप ये जान सकते है और उसका सही उपाय कर के उसे दूर कर सकते है। पर आप को डाक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। डॉक्टर आप के vagina और उसके द्वारा होने वाले श्राव की जाँच कर सकते है। डॉक्टर फिजिकली आप के योनि की भी जाँच कर सकते और और आंच के बाद ही बता सकते है की आप किस रोग सा ग्रसित है। पर हम आप को यहाँ कुछ बताते है जो आप को सूजन की जाँच में मदद गर साबित होगी
१ सर्वाइकल कल्चर - क्लैमएडीया और गोनोकॉकस ये वो बैक्टीरिया है जो गोनोरिया को जन्म देता है, इसकी जाँच करने के लिए आप के योनि के अंदर नमूनों को डाला जा सकता है
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2 योनि का अल्ट्रासॉउन्ड - योनि की अल्ट्रासॉउन्ड आप के योनि और उसकी अंदरूनी भागो की तस्वीरों द्वारा इसके संक्रमित हिस्से की जाँच की जाती है। इसमें धवनि तरंगो के माध्यम से योनि की परिक्षण किया जाता है इसमें एक छोटा सा यन्त्र डॉक्टर आप के योनि के अंदर दाल देंगे और आप के गर्भाशय और अण्डाशय की तस्वीरों के माध्यम से स्क्रीन पर देख कर के संभावित समस्याओ का पता लगते है।
३ वैजिनल discharge - इस तकनीक के द्वारा डॉक्टर आप के योनि से हुवे विभिन्न प्रकार के श्राव को एकत्र कर के उसकी जाँच की जाती है यह संक्रमण की अन्य कई मदो को समझने में काफी सहायक होता है।
4 सिटी स्कैन - इस तरीके के माध्यम से आप के प्रिवेट पार्ट की जाँच की जाती है और सूजन का पता लगाने के लिए कम्प्युटेरिस मशीनों का प्रयोग किया जाता है।
5 हिस्टोरोस्कोपी - इस यंत्र का प्रयोग गर्भाशय को देखने के लिए किया जाता है इसमें एक छोटा सा कैमरा और स्कैनर तथा लाइट का प्रयोग किया जाता है आप के बच्चेदानी की सूजन या संक्रमण को जानने के लिए। इसमें यंत्र रूपी कैमरा को आप के योनि के अंदर डाला जाता है और इसमें आप के गच्छेदनी की नमूनों को भी लिया जा सकता है।
6 एंडोमेट्रिऑल बीओप्सी - इस तकनीक में संक्रमण को पता लगाने के लिए आप के योनि के अंदरूनी हिस्सों से ऊतक लीजा जाता है और सुकि जाँच की जाती है। इसमें आप की खून की जाँच भी की जा सकती है ताकि WBC की जाँच की जा सके।
गर्भाशय में सूजन का इलाज
- BAchdani me sujan ka ilaj in hindi ?
गर्भाशय के सूजन के कई तरह के इलाज हो सकते है और समय परिस्थिति के अनुसार हर महिला उसे चुनती है और अपना इलाज कराती है पर कई बार सर्जरी के बाद भी समस्याएं बानी रहती है और बार बार सुर्जेय करना सही नहीं लगता पर फिरभी लोग जिन्हे जो इलाज पसंद आता है उसे वो अपनाते है यहाँ पर हम आप को कई तरह के इलाज बतलाने जा रही है आप अपनी सुबिधा और दक्स्ट्री सलाह के दवारा आप सकती है और पानी जीवन को फिर से नयी दिशा दे सकती है।
1 सूजन के इलाज के लिए सबसे आसान तरीका एंटीबायोटिक दवाओं का प्रयोग को मन जाता है ये साधारण सूजन को ठीक करने ने पूरी तरह से ठीक कर देता है पर फिर भविष्य में ये संक्रमण आप को हो सकती है।
2 एवोकेशन - ये वो तकनीक है जिसके माध्यम से सर्जरी के बाद जो सेल्स छूट जाते है उसे निकल दिया जाता है ताकि संक्रमण समाप्त हो जाये।
3 niddle aspiration - इसका प्रयोग आप के पेट के फोड़ो को निकलने के लिए किया जाता है और इस तकनीक में एक नीडल आप के योनि के अंदर दाल दी जाती है और उसके द्वारा पस को निकला जाता है।
4 सर्जरी - सर्जरी के द्वारा आप के संक्रमित हिस्सों को निकल देना ये सामान्य इलाज के तरीके है जो आप तौर पर डॉक्टर के द्वारा इस्तेमाल में लाया जाता है।
5 - बैलल्पिक - बैकल्पिक तरीको में आप पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज का प्रयोग कर सकती है इसके माद्यम से बिन किसी सर्जरी और मेडिकल इक्विप्मन्ट के ही आप अपने गर्भाशय के सूजन एवं अन्य सभी बीमारियों से सदा के लिए मुक्ति प् सकते है। इस तरीके में आप बिभिन्न प्रकार के योग आसनो को कर के आप आपने गर्भशाय की समस्याओ को स्वाम ही ठीक कर लेते है वो भी अपने घर पर रह कर मात्र ५ मिनिट करके।
आप को चाहिए की आप अपनी स्वास्थ्य की स्थिति और निदानो के बारे में अपने डॉक्टर से खुल कर बात करे तथा अपने द्वारा चुने गए इलाजो के बारे में डॉक्टर को जानकारी दे और अपने लिए बेहतर तरीको को अपनाने के फायदे और सावधानियों की चर्चा जरूर करे
आप को दी गयी जानकारी सिर्फ ज्ञान वर्धन के लिए ही दी जा रही है कोई भी फैसला लेने से पहले पानी सही इस्थिति को जानें समझने के लिए अपने डॉक्टर से सलाह जरूर करे।
गर्भाशय में सूजन से होने वाले नुकसान - Endometritis complications in hindi ?
वैसे तो ज्यादातर मामले में ये एंटीबायोटिक से ठीक हो जाता है और कोई नुकसान नहीं होता और नहीं आपको किसी प्रकार जटिलता को आने देती है पर यदि ये वापस आ जाये तो कई समस्याओ को एक साथ जन्म दे सकती है जो निम् हो सकती है।
1 आप को बांझपन हो सकता है और आप बचे को जन्म नहीं दे पाएंगी
आप के वजिना में फोरा हो सकता है और कई तरह से ये आप को प्रेसन कर सकता है
इसके कारन आप को सम्भोग के वक्त दर्द हो सकता है
4 आप के योनि मार्ग से रक्त श्राव भी होता रह सकता है
5 आप को बलडेर लीकेज की समस्या हो सकती है और आप अपने पेशाब को नहीं रोक पायेगी और ये ऑटो हो जायेगा
६ इसके कारन आप को रक्त की कमी की समस्या हो सकती है जो आप के लिए काफी खतरनाक हो सकती है। ऐसे अवस्था में आप को तुरंत डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए
आप को सही इलाज की तरफ बढ़ना चाहिए और उसे अपनाना चाहिए
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